मुक्तिबोध के काव्य में मानववाद

Authors

  • डॉ0 प्रियंका रानी

Abstract

गजानन माधव मुक्तिबोध को प्रगतिवादी काव्य एवं नई कविता के मध्य एक सेतु के रूप में माना जाता है। उनके काव्य पर मार्क्सवाद का स्पष्ट प्रभाव दिखाई देता है। इनका काव्य मानवतावाद का पोषक और आर्थिक एवं राजनीतिक शोषण को निरूपित करने वाला कहा जा सकता है। मुक्तिबोध को सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के साथ भारत में आधुनिक हिंदी कविता का अग्रदूत माना जाता है।उनकी पुस्तक चिदम्बरा के लिए उन्हें साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।उनकी प्रमुख कृतियों में चांद का मुंह टेढ़ा, कठ का सपना, उठता आदमी, आदि सम्मिलित हैं।प्रस्तुत शोध पत्र उनकी कृतियों की विशेषताओं को निरूपित करता है।

कीवर्ड- मानवतावाद, मार्क्सवाद शोषण, आधुनिक हिंदी काव्य, आर्थिक नीति आदि।

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Published

31-10-2024

How to Cite

डॉ0 प्रियंका रानी. (2024). मुक्तिबोध के काव्य में मानववाद. Research Stream (eISSN 3049-2610), 1(1), 1–4. Retrieved from https://journalresearchstream.ijarms.org/index.php/rs/article/view/27

Issue

Section

Research Paper